Saturday, August 8, 2015

श्रद्धांजलि


कोटि कोटि नमन एक सम्पूर्ण व्यक्तित्व को ,
समर्पित है मेरा प्रणाम एक अभूतपूर्व पुरुष को|
अनेकानेक हैं गुण उनके, अनगिनत हैं रूप उनके|

उनका जीवन था अत्यधिक जीवंत,
उनकी वकालत थी एक मिसाल,
वो खुद थे वाकई बेमिसाल, उनको आज है बार बार प्रणाम|

थे वे सदैव प्रेरणादायक, जीवित होते हुए भी और मरणोपरांत भी,
परमपुज्य  कर्मठ, निष्ठावान, चरित्रवान श्री रघुननदन मिश्र आदरणीय बाबा,
जो थे श्रम और दक्षता के अपूर्व मिश्रण उनको मेरा सादर नमन|
 

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